देश में रोहिंग्या और बांग्लादेशी सहित सभी अवैध प्रवासियों की पहचान और निर्वासन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट 4 हफ्तों बाद सुनवाई करेगा। इस मुद्दे पर जनहित याचिका दाखिल करने वाले अश्विनी उपाध्याय ने अदालत से जल्दी सुनवाई की अपील की थी। इसके बाद तीन जजों की पीठ ने चार सप्ताह बाद याचिका की सुनवाई करने के निर्देश दिए।
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने कहा- इस मामले को सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद का समय तय किया जाता है। याचिका दाखिल करने वाले अश्विनी उपाध्याय ने अदालत से अवैध प्रवासियों और घुसपैठियों की पहचान, उन पर रोक और उनका निर्वासन करने के लिए, केंद्र और राज्य सरकारों को दिशा-निर्देश देने की मांग की थी।